आज अफ़साना है दुखोका
कल नया सवेरा आयेगा
सोई हुई जिंन्दगानी
फिर खीला वो जायेगा!!
हालत नहीं है कष्ट की
मज़बूरी हैं ये वक्त की
सिलसिला गुजर ये जायेगा
फिर वो वक्त आयेगा
सोई हुई किस्मत
फिर जगा वो जायेगा!!
निष्ठुरसी ये जिंन्दगी
साँसो में अटकी हुई
फिर एक झोका आयेगा
वक्त ऐसी करवट खायेगा
राह दिखा वो जायेगा
राह दिखा वो जायेगा!!
(शुभम सोनकुसरे)
कल नया सवेरा आयेगा
सोई हुई जिंन्दगानी
फिर खीला वो जायेगा!!
हालत नहीं है कष्ट की
मज़बूरी हैं ये वक्त की
सिलसिला गुजर ये जायेगा
फिर वो वक्त आयेगा
सोई हुई किस्मत
फिर जगा वो जायेगा!!
निष्ठुरसी ये जिंन्दगी
साँसो में अटकी हुई
फिर एक झोका आयेगा
वक्त ऐसी करवट खायेगा
राह दिखा वो जायेगा
राह दिखा वो जायेगा!!
(शुभम सोनकुसरे)
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