आँसूओं की चाशनी.....

यादो में तेरे अब नहीं जीया जाता
दिन में तेरा ही चेहरा नजर है आता
साँसों में तु इस कदर समाता
की आँसूओं में भी चाशनी का स्वाद सा आ जाता !
(शुभम सोनकुसरे)







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