आप ना हो तो साँस भी ना ले पाऊँगा
खुद से तो ना एक कदम भी चल पाऊँगा
चलेगी साँसे यूही,
पर काम किसीके ना आ पाऊँगा
क्या करूँगा जीकर इस दुनिया में,
जब जीकर भी मर जाऊँगा
आपके बीन इस दुनिया में,
बस बोज बन रह जाऊँगा
ना रात ये कटेगी,
ना जीवन में सँवेरा हो पाएगा
फीर आप ही बताओ
जीवन कैसे कट पाएगा...
(शुभम सोनकुसरे)
खुद से तो ना एक कदम भी चल पाऊँगा
चलेगी साँसे यूही,
पर काम किसीके ना आ पाऊँगा
क्या करूँगा जीकर इस दुनिया में,
जब जीकर भी मर जाऊँगा
आपके बीन इस दुनिया में,
बस बोज बन रह जाऊँगा
ना रात ये कटेगी,
ना जीवन में सँवेरा हो पाएगा
फीर आप ही बताओ
जीवन कैसे कट पाएगा...
(शुभम सोनकुसरे)
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