मेरी जान हो तुम.....

मेरे इतंजार की राहत हो तुम
मेरे दिल की चाहत हो तुम
तुम हो तो यह दुनिया है मेरी,
मैं कैसे कहु कि मेरे लिये क्या हो तुम?
छुके जो गुज़र जाए वो हवा हो तुम,
मैंने जो मांगी वो दुआ हो तुम..
करे जो मुझको रोशन वो दिया हो तुम,
फिज़ा में महकती शाम हो तुम..
प्यार में झलकता हसीन जाम हो तुम,
मेरे ज़िन्दगी का दूसरा नाम हो तुम..
बुझती ज़िन्दगी की साँस हो तुम,
फिर कैसे ना कहु मेरी जान हो तुम...

(शुभम सोनकुसरे)



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