दर्दो भरी इन रातो में
निंदे भरी इन आँखों में
बस आँसूओ की है बारिश...
ठहरता नहीं दिल अब राहो में
रुका पड़ा अंधीयारो में
जीवनका ना अब है एहसास...
अधूरीसी अब हर सास !!
(शुभम सोनकुसरे)
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