कभी तो ऐसे मिलो.....

कभी तो ऐसे मिलो की बात हो पाए
कभी तो ऐसे मिलो की इकरार हो पाए
हर लम्हे में सिर्फ तुम्हे चहाँ है
ना मेरे जिंन्दगी में कोई था ना हो पाएगा
हमने तो सिर्फ तुम्हे चहाँ है
क्या हुआ तुम हमें ना चाँहाती हो
उसमे भी रब का कुछ साया है
हमे यकीन है एक दिन वो जरुर आएगा
तुम हमें चाँहोगी पर हम कही दूर निकल जाएँगे
इसलिए हम आज भी आँस लिए जी रहे है, की
काश कभी तो ऐसे मिलो की बात हो पाए
कभी तो ऐसे मिलो की इकरार हो पाए!!

(शुभम सोनकुसरे)


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