लिखते हैं, मिटाते हैं.....

प्यार आपका कागज में हम उतारा है करते
लिखकर फिर उसे रोज देखा है करते
कुछ शब्द लगने लगते है हर बार हमे कमसे
उसे फिर हम मिटाया है करते
मिटाकर उसे फिर लिखा है करते....
(शुभम सोनकुसरे)

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